Importance of Time in our Life(a short story)
किसी में मुझसे पूछा - "समय और पैसा दोनों में तुम किसको चुनोगें" ?
मैंने भी कहा - "अगर पैसा समाप्त हो गया तो उसे दुबारा प्राप्त किया जा सकता है समय रहते वापस भी आ सकता है लकिन अगर समय ख़तम हुआ तो हम भी इस सार्थक जीवन में निर्थक बैठे रह जायेंगे।"
~ स्वामी विवेकानंद(इंग्लैंड से )
तुम खाली क्यों बैठते हो ,क्या तुम्हारा लक्ष्य तुम नहीं पा रहे या तुम झंझटो में फंस गई हो ?
याद रखो तुम जिस कारणों से ये विचार नहीं कर पा रहे हो कि तुम्हे करना क्या है वो कारण तुम्हे नहीं बुलाता।
तुम जिस mobile /laptop या कोई अन्य addiction जिसे तुम करते हो वो तुम्हे नहीं कहता कि तुम वो करो।
तुम खुद उठते हो और समय बर्बाद करने पर लग जाते हो। इससे कुछ मिलने वाला नहीं ये तम भी जानते हो।
बस शरीर के साथ -साथ खुद को भी बर्बाद करने पर लग जाते हो ,उससे कहीं अधिक समय के।
Acharya Chanakya |
आज से लगभग 2400 ईo .पूर्व में चांणक्य और चन्द्रगुप्त के कथा हुए और यही नहीं स्कंदगुप्त ,चन्द्रगुप्त और पुष्यमित्र आदि आये और चले गए 'पर' आज भी वो जिन्दा है तो केवल उस लक्ष्य के वजह से जिसे उन्होंने अचुक निसाने की तरह चुना और प्राप्त किया।
उन्होंने ये नहीं सोचा कि "क्या करे, कैसे करे , क्यों करे " बस लक्ष्य पे अडिग रहे।
परिणाम यह रहा कि वे आज भी मर के भी अमर है।
कठनाइयो से ना घबराये,
ये व्यक्ति को ऊचा उठाने के लिए ही आती है ,
जितनी बड़ी कठनाई उतना ही बड़ा लक्ष्य।