Time Management(a short story)
part-1
कभी कभी लोग पूछते ही की - साल भर बीत जाते है लेकिन कुछ सीख नहीं मिलता है कौन -कौन सी किताब नहीं पढ़ी , ऑनलाइन भी पढ़ा लेकिन कुछ सीखा नहीं।डिग्री भी मिल जाती है लेकिन डिग्री के हिसाब से नॉलेज नहीं है।
हफ्ते निकल जाते है, महीने निकल जाते है ऐसे ऐसे साल भी निकल जाता है।
क्या करे?
मैंने कहा -
अगर पेपर साल भर या छह महीने में हो तो हम लोग केवल समय ख़राब करेंगेऔरअगर पेपर दो दिन बाद या हफ्ते बाद हो तो ?
या अचानक सें कोई कह दे की २ घंटे बाद पेपर है तो ?
आपके पीछे आग लग जाती ही, कि कितना पढ़ ले, कितना याद कर ले।
लाओ जल्दी से जल्दी सब देख ले।
आप आपने आप से सोचिये कि आप एक हफ्ते या एक महीने में कितना पढ़ते है, कितना कुछ नया सीख जाते है।
Calculate करना और सोचना की हम एक हफ्ते में कितना सीख सकते है।
जब तुम calculate करोगे तो तुम्हे अहसास होगा की मै कितना पढता हूँ ।
ना हो तो एक stop watch ले लो, जब तुम पढ़ना शुरू करो तो stopwatch on कर लो और जब उठो तो stop watch बंद कर दो।
तब तुम्हे पता चलेगा कि तुम कितना पढ़ते थे।
एक Research में पता चला के प्रत्येक student एक दिन में केवल 40 मिनट ही पढता है।
सबको लगता है की तुम 4-5 घंटे पढ़ते हो लकिन तुम्हे ही पता ही कि तुम कितना पढ़ते हों।
जब तुम calculate करोगे तो तुम उसको बढ़ा भी सकते हो।
इसी का नाम है -
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धन्यवाद।